Karva Chauth is celebrated on the fourth day of Krishna Paksha Chaturthi of Kartik month. On this day, married women Nirjala (without water) fasts for the long life of her husband. The fast is opened after offering the Argh to the Moon on the Karva Chauth fast. This year Karva Chauth fast is on 4th November 2020. If you are going to Karva Chauth fast, then read to know that worship, worship method, and adornments-
Ingredients of Karva Chauth 2020 Puja Thali
Strainer, clay spout and lid (clay or brass can also be used), cotton wick, incense or incense sticks, fruits, flowers, sweets, cane sticks, karva chauth calendar, roli, akshat (whole rice) , 5 delays of yellow clay for making Gauri, flour diya, lamp, vermilion, sandalwood, kumkum, honey, sugar, wooden posture, water, gangajal, raw milk, curd, desi ghee, eight leaves of Athavari, halwa and Dakshina.
Makeup for Karva Chauth 2020
Red color saree or lehenga (or whatever you want to wear outfits), sindoor, mangalsutra, bindi, nathni, kajal, gajra, mehndi, ring, bangles, earrings (earrings), maang tika, waistband, armlet, nettle, and anklet.
Karva Chauth Auspicious Time
Karwa Chauth Event | Date & Time |
Karwa Chauth Date | Wednesday, November 4, 2020 |
Wednesday, November 4, 2020 | 05:34 PM to 06:52 PM |
Puja Muhurat Duration | 01 Hour 18 Mins |
Karwa Chauth Vrat Time | 06:35 AM to 08:12 PM |
Moonrise on Karwa Chauth Day | 8:12 PM |
Chaturthi Tithi Begins | 03:24 AM on Nov 04, 2020 |
Chaturthi Tithi Ends | 05:14 AM on Nov 05, 2020 |
Karwa Chauth Vrat Katha
एक समय की बात है, सात भाइयों की एक बहन का विवाह एक राजा से हुआ। विवाहोपरांत जब पहला करवा चौथ (karva chauth) आया, तो रानी अपने मायके आ गयी। रीति-रिवाज अनुसार उसने करवा चौथ का व्रत तो रखा किन्तु अधिक समय तक व भूख-प्यास सहन नहीं कर पा रही थी और चाँद दिखने की प्रतीक्षा में बैठी रही। उसका यह हाल उन सातों भाइयों से ना देखा गया, अतः उन्होंने बहन की पीड़ा कम करने हेतु एक पीपल के पेड़ के पीछे एक दर्पण से नकली चाँद की छाया दिखा दी। बहन को लगा कि असली चाँद दिखाई दे गया और उसने अपना व्रत समाप्त कर लिया। इधर रानी ने व्रत समाप्त किया उधर उसके पति का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। यह समाचार सुनते ही वह तुरंत अपने ससुराल को रवाना हो गयी।
रास्ते में रानी की भेंट शिव-पार्वती से हुईं। माँ पार्वती ने उसे बताया कि उसके पति की मृत्यु हो चुकी है और इसका कारण वह खुद है। रानी को पहले तो कुछ भी समझ ना आया किन्तु जब उसे पूरी बात का पता चला तो उसने माँ पार्वती से अपने भाइयों की भूल के लिए क्षमा याचना की। यह देख माँ पार्वती ने रानी से कहा कि उसका पति पुनः जीवित हो सकता है यदि वह सम्पूर्ण विधि-विधान से पुनः करवा चौथ का व्रत (karva chauth) करें। तत्पश्चात देवी माँ ने रानी को व्रत की पूरी विधि बताई। माँ की बताई विधि का पालन कर रानी ने करवा चौथ का व्रत संपन्न किया और अपने पति की पुनः प्राप्ति की।
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